शोध पत्रिका द लांसेट के मुताबिक भारत स्वास्थ और गुणवत्ता के मामले में 195 देशो की सूचि में 145 वे स्थान पर है. स्वास्थ सेवाओं में सुधार तो हुआ है लेकिन सुधार की यह रफ़्तार ज्यादा उत्साहजनक नहीं है. पूरी दुनिया की 32 फीसदी साँस सम्बन्धी बीमारिया अकेले भारत में है. 1990 के मुकाबले भारत में दिल की बीमारिया दुगुनी हो गयी है. आज भी कुपोषण और खून की कमी से हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा जूझ रहा है. डॉयबिटीज़ और दिल की बीमारिया अब ग्रामीण क्षेत्रो में भी आ गए है और इन सभी बीमारियों की सबसे ज्यादा मार वो लोग झेलते है जो लोग गरीब है, जिनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं है. भारत देश की 63 प्रतिशत आबादी के पास किसी भी रूप में हेल्थ प्रोटेक्शन नहीं है. कई परिवार किसी एक बीमारी के इलाज में ही जीवन भर की कमाए खर्च कर देते है और कई बीमारियों के चलते कर्ज के नीचे दब जाते है. ऐसी समस्याओ के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने गरीब और जरूरतमंद लोगो तक मुफ्त और बेहतर स्वास्थ सेवा उपलब्ध करने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की. दुनिया के इस सबसे बड़े स्वास्थ कार्यक्रम की शुरुआत 23 सितम्बर 2018 को रांची (झारखण्ड) से हुई.
भारत में स्वास्थ सेवाओं किस स्थिति बदहाल है जो की किसी से छिपी नहीं है. खास कर ग्रामीण इलाको में बुनियादी ढांचा बदहाल है. सरकारी अस्पतालों में ठीक से इलाज नहीं हो पाता और आम अस्पतालों का खर्च आम आदमी वहन नहीं कर सकता है. सरकार की तरफ से तमाम प्रयास तो किये जा रहे है लेकिन बढ़ती आबादी इन रास्तो में सबसे बड़ी चुनौती है. लेकिन अब दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी स्वास्थ कार्यक्रम भारत में शुरू हो गया है. जिसे आयुष्मान भारत योजना के नाम से जाना जा रहा है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 23 सितम्बर को झारखण्ड की राजधानी रांची के प्रभातारा मैदान से इस योजना का शुभारम्भ किया गया. केंद्र की इस 5 लाख की बीमा योजना का नाम प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना भी है. इस योजना से 15,000 से ज्यादा विभिन्न सरकारी और निजी अस्पताल जुड़ने जा रहे है. इस योजना के दायरे में लगभग 50 करोड़ से ज्यादा लोग आएँगे.यह लगभग हमारी कुल जनसँख्या का 40 फिसदी का दायरा है. यह 25 सितम्बर 2018 को पंडित दिन दयाल उपाध्याय के जन्मदिवस के दिन से अमल में आयी. इस योजना से चालू वित्त वर्ष में सरकार पर 3500 करोड़ का बोझ आया है और सरकार ने इस योजना के लिए 2018-19 में 2000 करोड़ रूपये का बजट निर्धारित किया था.
आयुष्मान भारत के दिशा-निर्देश
- पूरी तरह से कैशलेस और पेपरलेस
- प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के अस्पतालों में इलाज
- परिवार चाहे कितना भी बड़ा हो सभी को फायदा होगा
- योजना का लाभ लेने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है
- परिवारों का चयन सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना 2011 के हिसाब से
- प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रूपये तक का स्वास्थ लाभ लिया जा सकता है
- बच्चियों, महिलाओ और वरिष्ठ नागरिको को प्राथमिकता
- पहले से मौजूद बीमारियों को भी कवर किया जाएगा
- कोई भी अस्पताल इलाज करने से मना नहीं कर सकता है
- अस्पताल मरीज से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकता
- भारत के किसी भी जगह पर लाभ ले सकते है
आयुष्मान भारत के लिए अपात्रता लोग
- दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया या फिशिंग बोट वाले लोग
- तीन पहिया और चार पहिया एग्रीकल्चर इक्विपमेंट यानि ट्रैक्टर वाले लोग
- 50 हजार से ज्यादा लिमिट का क्रेडिट कार्ड वाले लोग
- जिस परिवार का सदस्य सरकारी नौकरी करता है
- गैर कृषि कारोबार में रजिस्टर्ड परिवार
- घर में परिवार का कोई सदस्य अगर दस हजार रूपये से अधिक कमाता है
- इनकम टैक्स देने वाले परिवार शामिल नहीं है
- प्रोफेशनल टैक्स भरने वाले परिवार शामिल नहीं है
- 3 या उससे अधिक कमरे की पक्की दीवार और छत वाला मकान वाले परिवार
- रेफ्रीजिरेटर और लैंड लाइन फ़ोन वाले परिवार
- 2.5 एकड़ से ज्यादा 1 सिचाई यन्त्र के साथ भूमि वाला परिवार
- 5 एकड़ से ज्यादा 2 फसल सीजन वाली सिंचित भूमि वाला परिवार
- एक सिचाई यन्त्र के साथ 7.5 एकड़ या उससे ज्यादा जमीन
हेल्पलाइन नंबर और वेबसाइट
- https://www.abnhpm.gov.in नाम से वेबसाइट में योजना की पूरी जानकारी है
- योजना से जुड़े अस्पतालों की सूची भी वेबसाइट पार उपलब्ध है
- हेल्पलाइन नंबर 14555 भी जारी किया गया है.
- हेल्पलाइन नंबर पर पात्रता की जानकारी ली जा सकती है
- mera.pmjay.gov.in पर जाकर भी चेक किया जा सकता है.
लोगो की मदद के लिए सरकार ने आयुष्मान मित्र भी नियुक्त किये है. इस योजना के लाभार्थी को QR code वाले लेटर भी दिए जाएंगे जिसमे उनकी पूरी जानकारी रहेगी.
आयुष्मान भारत की स्वास्थ सुविधाएं
योजना में गरीब लोगो को बीमा कवरेज के साथ ही सस्ते इलाज की भी सुविधा मिलेगी. सरकार का दावा है की नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (NHPS) के तहत इलाज सेंट्रल गवर्नमेंट स्कीम मिलने वाली स्वास्थ सुविधाओं से भी सस्ते होंगे.
NHPS के तहत खर्च और निजी अस्पतालों के खर्च में तुलना
- NHPS में एंजियोप्लास्टी के लिए 65 हजार जबकि निजी अस्पतालों में 1.5 से 2 लाख
- NHPS में घुटना प्रत्यारोपण के लिए 80 हजार जबकि निजी अस्पतालों में 3.5 लाख
- NHPS में सी-सेक्शन के लिए 9 हजार जबकि निजी अस्पतालों में 1.5 लाख
NHPS के तहत अन्य खर्च
- बाईपास सर्जरी के लिए १ लाख १० हजार
- हिप रिप्लेसमेंट के लिए ९० हजार
- स्टेंट के लिए ४० हजार
- वॉल्व बदलने पर १ लाख २० हजार
- आर्थोस्कोपी सर्जरी के लिए २० हजार
- संक्रमित घुटने की सर्जरी के लिए २५ हजार
- सर्वाइकल सर्जरी के लिए २० हजार
आयुष्मान भारत योजना के तहत पहले 10 दिन में ही 38.1 करोड़ रुपए के इंश्योरेंस क्लेम मंजूर किए गए. स्कीम में इलाज करवाने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.
|| जय हिन्द, जय भारत ||